SHABAR MANTRA FUNDAMENTALS EXPLAINED

shabar mantra Fundamentals Explained

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आप जिस देवता या देवताओं की पूजा करते हैं, उस पर ध्यान केंद्रित करें। अपने इच्छित लक्ष्य तक पहुँचने के लिए, आपको केवल एक स्वच्छ भावना और एक ईमानदार उद्देश्य की आवश्यकता है।

So you might want to recite the mantra by reciting your wish or getting your want in mind, then ignore the results. Your regularity is The one thing which will provide you success.

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प्रत्येक मंत्र का आराध्य देवता भी होता है।

उनकी शाबर साधनाओं में फल की तीव्रता थी जिनका प्रभाव शीघ्र ही मिल जाता था



साबर मंत्र का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि यह आपको सुरक्षा की भावना प्रदान करता है और सभी चिंताओं और समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। इसमें आपके जीवन को किसी भी नकारात्मकता से मुक्त करने और आपको किसी ऐसे व्यक्ति में बदलने की शक्ति है जो फिट, समृद्ध और सफल है।

सौभाग्य के लिए साबर महा मंत्र के जाप के लाभ

These mantras allow our life to be guided and guarded by Shiva himself. So we will likely have divine defense as long as you chant these mantras.

शाबर मंत्रों में साधक को स्वयं की साधना, भक्ति पर स्वाभिमान विशेष click here होता है। जिसको साधक गुरु की शक्ति के साथ जोड़ देता है तथा गुरुकृपा का पद-पद पर सहारा लेता है।

शक्ति और तान्त्रिक सम्प्रदायों में प्रयुक्त अनेक सूक्ष्म रहस्यमय शब्द खंडों और अक्षरों यथा ‘ऐं ह्रीं क्लीं' को भी ‘मंत्र' कहते हैं तथा विश्वास किया जाता है कि इन बीज मंत्रों से शक्तियां और सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

मंत्र शब्द का लौकिक अर्थ है गुप्त परामर्श। योग्य गुरुदेव की कृपा से ही मंत्र प्राप्त होता है। मंत्र प्राप्त होने के बाद यदि उसकी साधना न की जाए, अर्थात् सविधि पुरश्चरण करके उसे सिद्ध न कर लिया जाए तो उससे कोई विशेष लाभ नहीं होता। श्रद्धा, भक्ति भाव और विधि के संयोग से जब मंत्रों के अक्षर अंतर्देश में प्रवेश करके दिव्य स्पन्दन उत्पन्न करने लगते हैं, तब उसमें जन्म-जन्मान्तर के पाप-ताप धुल जाते हैं, जीव की प्रसुप्त चेतना जीवंत, ज्वलंत और जाग्रत होकर प्रकाशित हो उठती है। मंत्र के भीतर ऐसी गूढ़ शक्ति छिपी है जो वाणी से प्रकाशित नहीं की जा सकती। अपितु उस शक्ति से वाणी प्रकाशित होती है। मंत्र शक्ति अनुभव-गम्य है, जिसे कोई चर्मचक्षुओं द्वारा नहीं देख सकता। वरन् इसकी सहायता से चर्मचक्षु दीप्तिमान होकर त्रिकालदर्शी हो जाते हैं।

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